आज आँख खुली तो देखा 7 बज रहे थे।  उठते ही केलिन्डर पर नजर गयी तो देखा आज तो 27 जनुअरी है। आज तो हमारी मारिएज एनिवर्सरी है और हां आज ही के दिन मेरे पति देव का बर्थडे भी पड़ता है. ये दोनों शुभ कार्य आज के दिन ही हुए थे. इस भागदौड़ वाली लाइफ में ये तक याद नहीं रहता की बर्थडे कब है और मारिएगे एनिवर्सरी कब. पता नहीं इन्हे याद भी होगा या नहीं यही सोचते हुए मैं अपने रोज के काम में लग गयी.

चाय बनाते बनाते सोच रही थी की पता ही नहीं चला कब इतना टाईम बीत गया, लाइफ के 8 साल हमने साथ गुजार दिए. आज 8 साल हो चुके है साथ रहते रहते।हम १ प्यारी सी बेटी के माता पिता बन चुके है जो अब ६ साल की है. चाय बनाकर लेकर गयी तो पति देव और बेटी जग चुके थे. सोचा याद होगा या नहीं. पहिए बेटी ने कहा मम्मी पापा हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी औरवो कुछ ज्यादा ही चूसी है  हैप्पी बर्थडे पापा । पता चला की याद था. दोनों ने विश किया थैंक्स किया बेटी को बहुत प्यार किया। मै फिर किचन की तरफ बढ़ गयी.. 


खाना बनाते बनाते फिर सोचने लगी बीएस हो गया बर्थडे और एनिवर्सरी। बस अब काम करो काम करो. इतने सालो से यही तो चला  आ रहा है. एक जैसे काम एक जैसे दिन रात. वैसे भी mature ages मैं प्यार का इजहार तोडा ... नहीं बल्कि बहुत ज्यादा मुश्किल सा  है. फ़्रस्ट्रेशन भी होती है पर males के लिए ये ज्यादा मुश्किल होता है. खैर......  काम चल रहे थे और सोच भी.   ये नहाधो कर अपने काम पर चले गए. हिमानी को पढ़ने बिताया. काम करते करते फिर सोच की हवा चलने लगी. इन आठ सालो में इन्होने मुझे एनिवर्सरी पर कितने गिफ्ट दिए होंगे। पहली एनिवर्सरी पर १ परफ्यूम,,,, ओह्ह्ह्ह अब आप कहेंगे की मैंने कितने गिफ्ट दिए तो इसका जवाब ये है की उन्हें मेरे दिए गिफ्ट आसानी से पसंद नहीं आते... 

हां तो मै कहा थी। ..सोच की धारा बह रही थी. हाथ काम कर  रहे थे और दिमाग सोचो में उड़ा जा रहा था. बस इन्ही सोचो में शाम हो गयी. इनके आने का टाइम हो गया. मैं भी अलर्ट हो गयी.. भाई होना ही पड़ता है। . अलर्ट... जरुरी होता है. आखिर पति देव जो है. मैं किचन में चली गयी आगे की कार्यवाही पूरी करने.

अचानक से आवाज आयी पूजा पूजा। .. मई जल्दी जल्दी कमरे में आयी. तो इन्होने एक डिब्बी हाथ में देते हुए कहा हैप्पी मारिएज एनिवर्सरी। मैंने हैरानी से देखा। .. और इन्होने कहा मुँह खोलकर क्या देख रही हो खोलो इसे। ..... मै अचानक से होश में आ गयी और हैरानी और ख़ुशी से प्यारी सी डिब्बी को खोलकर देखा तो उसमे बहुत ही प्यारे से डायमंड के इयररिंग्स जगमगा रहे थे. डायमंड के नाम पर मेरे पास नस एक छोटी सी रिंग ही है वो भी इन्होने ही दिलवाई थी पर इयररिंग्स देखकर मेरी आँखों में आंसू आ गए क्योकि मै एक बहुत ही साधारण परिवार से हु डायमंड पहनना तो क्या बस सुनने को ही मिला है....... अब अपनी पुरानी सारी कहानी फिर कभी सुनाऊँगी. ....  इन्होने कहा देखती ही रहोगी या पहनकर भी दिखाओगी। मैने दिली ख़ुशी से और बड़े प्यार से उन्हें पहना तो देखा वो तारो की तरह मेरे कानो में जगमगा रहे थे. उस पल समझ ही नहीं आया की अपने प्यारे से पति को थैंक्यू कहु कैसे।।।। मैंने बड़े ही शौक से जाकर अपने इयररिंग्स और ..... चमत्कार इन्होने मुस्कुराते  हुए कहा बहुत अच्छे लग रहे है..... और मैंने कहा हां दुनिया में सबसे अच्छे लग रहे है...  और मैं किचन में आकर फिर से अपने काम में लग गयी।  मेरे प्यारे काम मेरे प्यारे घर के काम. ......