मायाजाल - A Honey Trap ------ Part- 5
आखिर क्या फैसला लिया लीला ने। ..... .... ..... .. जानने के लिए भी pls . पढ़ते रहे। .. मायाजाल A Honey Trap ------ Part- 5
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लीला से बहस के बाद नवीन अपनी study room में चला गया. आँखों से आंसू बस निलकने को ही थे पर मर्द को दर्द नहीं होता ऐसा फेमस है. सोचा लड़किया तो रो लेती है पर मर्द। .. वो रोते है क्या ? नवीन को रोने में भी शर्म महसूस हो रही थी. कही किसी को पता न चल जाय. लोग क्या कहेंगे एक बीवी नहीं संभाल सका. कितना प्यार करता था वो लीला को. देखते ही वो दिल में उतर गयी थी. उसकी तो कभी कोई गर्लफ्रेंड तक नहीं रही.उसकी जिंदगी में लड़की के नाम पर लीला ने ही पहली बार दिल के दरवाजो में एंट्री की थी. कैसे समझाए उसे की उसका कोई चककर नहीं है बाहेर।
इधर नवीन अपने की दोष दे रहा था पर सच तो ये था की लीला एक ऐसे मायाजाल में फस चुकी थी जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था. उसे नहीं पता था की वो उसकी second choice है. काश की वो जान पता की दोष उसका नहीं लीला का है.
सोचता सोचता नवीन कब सो गया पता ही नहीं चला.
इतने बड़े घर में एक कोने में नवीन था और आखिरी कोने में लीला। इतने बड़े घर में दो लोग और वो भी अलग अलग. कितना अजीब था ये सब. घर की हवाओ में बस उदासी थी और धोकेबाजी की महक.
लीला बैठी बैठी यादो में खोयी हुई थी.
समर के मना करने के बाद लीला ने रिश्ते को है कर दी. लड़का कोन है क्या है उसने कुछ नहीं पूछा। इस तरह नवीन के जीवन में उसकी एंट्री हो गयी. मिडिल क्लास नवीन देखने में ठीक ठाक ही था. उसके मुकाबले में लीला हूर की परी नजर आती थी. उप्पेर से तो वो खुश होने का दिखावा करती थी. कही न कही खुश भी थी. नवीन उसका बहुत ख्याल रखता था पर फिर भी वो रात दिन उसकी तुलना समर से करती रहती थी. उस समर से जो उसे मिंटो में ना क्र गया.पर वो उसकी मजबूरी को उसकी ना का जिम्मेदार बनाती थी और उसे बेगुनाह। बीएस इसी वजह से वो अपने सुखी जीवन को पूरी तरह महसूस नहीं कर पायी। एक खलिश हमेशा दिल में
ye kesa rishtha |
फास की तरह चुभती रहती थी.
और जब अचानक से इतने सालो बाद समर उसके कांटेक्ट में आया तो वो अपने को रोक नहीं पायी और शिकार की तरह उसके मायाजाल में फस्ती चली गयी. पत्ते की तरह उसकी धारा में बहती चली गयी. ये सोचे बगैर की नवीन उससे कितना प्यार करता है.दिल से चाहने वाला नसीब वालो को मिलता है पर वो तो अपनी अधूरी इच्छा की तरफ भागी जा रही थी. पागलो की तरह। ... अंजाम का सोचे बगैर। ....
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आखिर इस पागलपन का क्या अंजाम हुआ। .. जानने के लिए..... बने रहिये ।।।।।
मायाजाल - A Honey Trap
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